अनन्या बिरला कौन है –
अनन्या बिरला को आप में से कई लोग जानते होंगे और हो सकता हो कई लोग नहीं भी जानते होंगे | फिर आपको बताते है आखिर ये है कौन और इनके साथ नस्लभेद हुआ क्यों | ये भारत के के बहुत बड़े उद्यमी कुमार मंगलम बिड़ला के बेटी है |जो आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष है |भारत में जिनकी कंपनियों में शामिल हैं ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल और कनाडा में आदित्य बिरला मिनिक्स और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के वे कुलाधिपति हैं|चार्टर्ड एकाउंटेंट कुमार मंगलम बिड़ला ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की, जहां के वे एक मानद सदस्य भी हैं।इनके तीन बच्चे है जिसमे अनन्या , आर्यमन और अद्वैतेषा है |
एक बेटी के आलावा गायिका भी है –
इनका का जन्म 17 जुलाई 1994 को हुआ है और ये कुमार मंगलम बिड़ला की सबसे बड़ी संतान है |अनन्या बिड़ला ने कम उम्र में संगीत में रुचि विकसित की, ग्यारह साल की उम्र में संतूर बजाना सीखा।अनन्या ने यूनिवर्सल म्यूजिक इंडिया के तहत अपना पहला एकल, “लिविन द लाइफ” जारी किया।अपने पहले गीत के साथ चार्ट में शीर्ष स्थान पर पहुंचने के बाद, उन्होंने अपना दूसरा एकल “मेन्ट टू बी”|
अनन्या ऐसी पहली भारतीय कलाकार हैं, जिनका अंग्रेजी भाषी एकल गीत ने प्लैटिनम की श्रेणी तक गया है।अनन्या ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और प्रबंधन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।साथ में गायिका का तौर पर खुद स्थापित करने में लगी है |
बिरला परिवार के साथ अमेरिका में नस्लभेद –
इतने बड़े उद्योगपति की बेटी और अच्छा पैसे होने के बावजूद अनन्या को नस्लभेद का शिकार होना पड़ा ये अनन्या ने खुद ट्वीट करके बताया है |अनन्या के साथ ये घटना अमेरिका के वाशिंगटन शहर में हुई है |अनन्या ने ट्ववीट में क्या कहा – ” इस रेस्ट्रोरेंट -स्कोपा इटालियन रूट्स ने मुझे और मेरे परिवार को होटल के परिसर से बाहर निकल दिया | ये बेहद नस्लभेदी और दुखी करने वाला है |आपको अपने ग्राहकों के साथ सही तरह से व्यवहार करना चाहिए |यह ठीक नहीं है |”
अपने दूसरे ट्वीट में अनन्या ने लिखा की -” हमने रेस्ट्रोरेंट में खाने के लिए 3 घंटे इंतज़ार किया | सेफ एंटोनियो आपके वेटर आपके वेटर जोशुआ सिल्वरमैन का मेरी माँ के साथ व्यवहार बहुत ही कठोर था |जिसे नस्लभेदी कहा जायेगा |” अमेरिका के बड़े अख़बार ने भी इस खबर को पाने यहाँ जगह दी है | क्या अमेरिका में अब भी इतना नस्लवाद है या कहे की इसे खबर तो नहीं बनाई जा रही है | इधर अमेरीका में चुनाव भी है जिसमे देखा जाता रहा की ये मुद्दा बना हुआ है | लेकिन जो भी हो नस्लवाद को सही नहीं कहा जा सकता है |
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