आइंस्टीन का दिमाग और मिस्र की ममी –
आइंस्टीन का दिमाग बहुत विशिष्ट था इसलिए उन्हें दुनिया के महान वैज्ञानिक में गिने जाते है।दुनिया में बहुत ही पहले से ही मरने के बाद या तो उनकी पूरी बॉडी या फिर अंगों को सहेज के रखने प्रक्रिया होती रही है।मिस्र की ममी के बारे में ज़्यदातर लोगों जानते होंगे। इस विषय पर कई हॉलीवुड फिल्मे भी बन चुकी है।ऐसे भी कई देश हैं, जहां लोगों के मरने के बाद उनके अंगों की पूजा करने के लिए उन्हें सुरक्षित रख लिया जाता है।
श्रीलंका के कैंडी शहर में एक मंदिर में आज भी भगवान बुद्ध के दांत रखे होने का दावा किया जाता है।इसी तरह तुर्की के शहर इस्तांबुल में मुहम्मद साहब की दाढ़ी रखी होने का दावा किया जाता है।रोम की सेंट जॉन लैटेरन बैसिलिका में ईसा मसीह की गर्भनाल सहेजकर रखी जाने के दावे भी किए जाते हैं। चलिए आज हम आपको ये बताते है की किन मशहूर लोगों के मरने के बाद उनके अंग निकालकर रख लिए गये।
आइंस्टीन का दिमाग –
जर्मन मूल के अमरीकी वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन जीनियस थे।उनकी मौत के बाद 1955 में उनकी आंखें निकालकर न्यूयॉर्क में एक सेफ़ में रख दी गईं।इसी तरह आइंस्टीन का दिमाग को पड़ताल के लिए निकाल लिया गया था जिस पर बरसों रिसर्च होती रही।बाद में आइंस्टीन का दिमाग के टुकड़ों को उनकी आंखों के डॉक्टर हेनरी अब्राम्स को सौंप दिया गया था।हालांकि आइंस्टाइन के दिमाग़ के टुकड़े तो बाक़ी दुनिया ने देख लिए मगर उनकी आंखें आज भी अंधेरे डब्बे में क़ैद हैं।बता दें, इस महान वैज्ञानिक के दिमाग़ को तो दुनिया देख चुकी है, लेकिन उनकी आंखें आज भी दुनिया की नज़रों से ग़ायब हैं।
थॉमस एडिसन एक परखनली –
अमरीकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन से जुड़ी हुई एक परखनली अमरीका के मिशिगन शहर के संग्रहालय में रखी है।कहते हैं कि इस परखनली में थॉमस एडिसन की छोड़ी हुई आख़िरी सांस क़ैद है।लाइट बल्ब, फोनोग्राफ और कैमरे का आविष्कार करने वाले एडिसन ने 1931 में आख़िरी सांस ली थी।जिस परखनली में उन्होंने सांस छोड़ी थी,उसे उनके डॉक्टर ने कॉर्क लगाकर बंद कर दिया था।उसे आज तक मिशिगन के संग्रहालय में सहेजकर रखा गया है।इसे बाद में एडिसन के बेटे चार्ल्स ने अपने पिता के दोस्त हेनरी फ़ोर्ड को दे दिया था।
ये बात जानकर आप हैरान हो सकते हैं लेकिन ये हक़ीक़त है।कहा जाता है कि अमरिका के मिशिगन शहर के म्यूज़ियम में वैज्ञानिक थॉमस एडीसन की परखनली रखी है।इसी परखनली में एडीसन की आंखिरी सांस क़ैद है साल 1931 में इस महान वैज्ञानिक ने अपनी मौत के वक़्त जिस कांच की परखनली में अपनी आंख़िरी सांस छोड़ी थी,उसे डॉक्टरों ने कॉर्क लगाकर बंद कर लिया था।इसे बाद में एडिसन के बेटे चार्ल्स ने अपने पिता के दोस्त हेनरी फ़ोर्ड को दे दिया था।बाद में, फ़ोर्ड के निधन के बाद उनकी याद मे बनाए गए, फ़ोर्ड म्यूज़ियम मे इस परखनली को लोगों के देखने के लिए रख दिया गया।
नेपोलियन बोनापार्ट का लिंग –
फ्रांस के मशहूर राजा नेपोलियन बोनापार्ट के आख़िरी दिन अंग्रेज़ों की क़ैद में गुज़रे थे।साल 1821 में जब नेपोलियन की मौत सेंट हेलेना द्वीप पर हुई तो जिस अंग्रेज़ सर्जन ने उनके शव का पोस्ट मॉर्टम किया, उसने नेपोलियन का लिंग काट लिया था।डॉक्टर ने उसे बाद में महंगी क़ीमत पर नीलाम कर दिया।इसे इटली के एक पादरी ने ख़रीदा था।बीसवीं सदी में लंदन के एक क़िताबफरोश ने ऊंचे दाम पर ख़रीदा फिर एक अमरीकी वैज्ञानिक ने इसे क़रीब तीन हज़ार डॉलर में ख़रीद लिया।साल 2007 में इस अमरीकी वैज्ञानिक की मौत के बाद 2016 में उसके संग्रह की चीज़ों की नीलामी की गई इसमें सायनाइड की वो शीशी भी थी जिससे जर्मन कमांडर हर्मन गोरिंग ने सायनाइड खाकर ख़ुदकुशी की थी।
रही बात ये सब अध्यनों की है जो की पहले भी लोग करते आये है।लेकिन इंसान ये देखकर चकित रहता है और वो जो भी महान लोग है उनसे सम्बंधित किसी भी चीज का दीवाना है। और वो उसे देखना और महसूस करना चाहता है। लोगों दवरा इससे बहुत ही पैसे भी कमाए जा सकते है। आप को हमारे आर्टिकल पसंद आये तो हमे अपना प्यार दीजिएगा।
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