केले के पत्ते पे क्यों ?
सबसे पहले मैं आपको ये बताना चाहता हूँ की आजकल हमे खाने के लिए प्लास्टिक की प्लेट प्रयोग करते है या स्टील के बर्तन हमने तरक्की बहुत की क्योकि परिवर्तन ही समाज का नियम है | लेकिन कुछ चीजें जो पुरानी थी वो बहुत ही लाभदायक थी |लेकिन हमने उसे भी अपने दैनिक जीवन से हटा दिया |
मैं आज उसी चीजें के बारे में बात करूँगा -जैसे पहले हमारे पूर्वज या कह ले दक्ष्णि भारत में केले के पत्तों पे खाने का चलन था | आज हम केले के पत्ते में खाने के फायदे के बारे में बात करेंगे | केले के पत्ते पे बहुत सारे भोजन -मीट -चावल -रोटी -सब्जी रखकर खा सकते है और हमारे यहाँ ये खाना हजारों सालों से चला आ रहा है |
लेकिन केले के पत्ते पे खाने से जो लाभ मिलता है हम आपको आज बताते है |
१-केले के पत्ते में एपिगालोकेटचीन गलेट और इजीसीजी पॉलीफिनॉल पाये जाते है –
ये तत्व ग्रीन टी में भी पाये जाते है ये एक तरह के प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते है | जो बिमारियों से लड़ने में आपकी मदद करते है | केले के पत्ते की पचाना थोड़ा मुश्किल होता है |लेकिन जब हम पत्तों पे आहार रख देते है तो ये पॉलीफिनॉल अवशोषण करता है जिससे हमे इसके पोषण के लाभ प्राप्त होता है | केले के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल गुण है जो हर तरह के कीटाणुओं को मारने में मदद करता है जिससे तबियत ख़राब पड़ने कीआंशका कम हो जाती है।
२- स्वस्थ त्वचा रखता है –
एपिगालोकेटचीन गलेट ये प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट ये पत्तों में पाये जाते है जिससे ये त्वचा स्वस्थ रखता है इससे आपकी त्वचा हमेशा चमकती रहती है
३-केले के पत्तों में अलग महक होती है –
ये बहुत ही जरुरी है की खाने के स्वाद के साथ -साथ महक की – जो की केले के पत्ते में खाने से आती है |वैक्स कोटिंग होने के कारण इसका सूक्ष्म लेकिन अलग स्वाद होता है। जब गर्म भोजन पत्तों पर रखा जाता है तो वैक्स पिघल जाती है और भोजन में इसका स्वाद चला जाता है और बेहतर स्वाद प्राप्त होता है।
४-एको फ्रेंडली होना –
आज के दौर में खाने के साथ -साथ हमे उसकी वेस्टेज का भी बहुत रखना होता है क्योकि आजकल वायु प्रदूषण बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में है | अगर हम प्लास्टिक के प्लेट का इस्तेमाल करते है तो बाद में वो डिस्ट्रॉय नहीं होती है | जबकि ये केले के पत्ते बहुत आसानी से नष्ट हो जाते है |
५- केले के पत्ते स्वच्छ होते है –
केले के पत्ते बहुत स्वच्छ होते है क्योकि इनके हलके पानी से धोने पे ये पूरी तरह से साफ़ हो जाते है और इसमें हमे कोई भी डिटर्जेंट नहीं प्रयोग करना पड़ता है जबकि अगर स्टील के बर्तन को केमिकल से धोते है तो इसकी कोई गारण्टी नहीं की वो पूरी तरह से स्वच्छ हुआ की नहीं या उसमे अभी केमिकल लगा है की नहीं | इसलिए ये माना गया है की केले के पत्तों ज्यादा स्वच्छ होते है |
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