टी आर पी का पूरा खेल-
बहुत समय से आप लोगों के कानो में एक शब्द सुनाई दे रहा होगा T R P | इसके आशय से आप कुछ समझ नहीं पा रहे होंगे | कभी ये खबर आती है इस सीरियल की टी आर पी ज्यादा है कभी इस न्यूज़ चैनल की टी आर पी ज्यादा है | कभी कपिल शर्मा शो की टी आर पी ज्यादा हो गयी है तो कभी बिगबॉस की |
अभी जल्दी ही मुंबई पुलिस ने भी कई चैनलों पर ये भी आरोप लगाया की वो टी आर पी पैसे देकर खरीद रहे है और इसमें कई नमी गिरामी न्यूज़ चैनल फसते जा रहे है | आखिर टी आर पी में खास क्या है जो हर चैनलों में इसमें आगे की होड़ लगी रहती है |हम आपको बताएँगे और टी आर पी आखिर क्या है इसके बारे में भी और इससे चैनलों को कैसे फायदा पहुँचता है ये भी बताएँगे |चलिए शुरू करते है |
टी आर पी या T R P क्या है –
सबसे पहले आपको पता होना चाहिए टी आर पी का फुल फॉर्म – t – से टेलीविशन R – से रेटिंग और p – से पॉइंट | इसका पूरा जोड़ दिया जाये तो बनता है टेलीविशन रेटिंग पॉइंट |सब बड़े शहरों में एक तरह का डिवाइस लगाया जाता है जिससे पता चलता है किस शो को कितनी बार देखा जा रहा है |
इस खास तरह के डिवाइस को पीपल मीटर कहते है |ये डिवाइस किसी के घर या छत पर नहीं लगता है इसके लिए विशेष सहर का चुनाव करके विशेष जगह लगाया जाता है |ये डिवाइस शहर के सभी सेटअप बॉक्स से खुद को कनेक्ट कर लेती है |और इसलिए केबल ऑपरेटर के दौर में टी आर पी सही से नहीं पता लग पाती थी |आज के दौर में सब लोगों को इसलिए सेटअप बॉक्स लगाने के प्रेरित किया जाता है जिससे सही टी आर पी की जानकारी मिल सके |
टी आर पी मतलब रेटिंग पॉइंट क्यों –
सभी सेटअप बॉक्स से पीपल मीटर जोड़ने के बाद ये डिवाइस पूरी मॉनिटरिंग रिपोर्ट मॉनिटरिंग टीम को भेजती है |इसमें हर तरह की जानकारी होती है जैसे कौन सा चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है और उसमे भी कौन सा सीरियल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है | एक श्रेणी के हिसाब से सबको पॉइंट दे दिया जाता है |सभी चीजें का अध्यन करने के बाद मॉनिटरिंग टीम सबके रेटिंग पॉइंट निकालती है जिससे पता चलता है की कौन सा सीरियल इस समय सबसे ज्यादा देखा जा रहा है और कौन सा चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है पॉइंट के इस खेल को ही रेटिंग पॉइंट कहते है टेलीविशन रेटिंग पॉइंट कहते है |
टी आर पी से कैसे जुड़ा विज्ञापन –
जब आप कोई सीरियल या टी वी पर मूवी देखते है तो बीच -बीच में विज्ञापन दिखये जाते है ये यूँ ही नहीं क्योकि चैनलों वालों की कमाई का 80 प्रतिशत हिस्सा यही से आता है | अब बात करते है टी आर पी से इसके जुड़ाव की -बात ये है विज्ञापनदाता की सोच ये ही होती है की उसके विज्ञापन ज्यादा से ज्यादा लोग देखे और तभी तो उसके बारे में जानेगे और फिर उसके उत्पाद को खरीदेंगे और तभी उसको फायदा होगा | इसलिए ये जिस भी चैनल की टी आर पी ज्यादा होती है ये सीरियल की टी आर पी ज्यादा होती उसके लिए एक बड़ी रकम चैनल को देते है |जिसे उनके विज्ञापन ज्यादा लोग देखे और इससे चैनल की भी अच्छे खासी कमाई हो जाती है |
टी आर पी और कुछ चैनलों पर लगने वाले आरोप –
अभी जल्दी ही मुंबई पुलिस टी आर पी में गड़बड़ कर कई चैनलों इससे हजारों करोड़ का मुनाफा कमाया है इसका आरोप लगाया है |इसमें अर्णव गोस्वामी का नाम भी आ रहा है लेकिन हम समझते की कैसे टी आर पी में गड़बड़ हो सकती है | जैसा की मैंने आपको बताया है की ये सारा खेल रेटिंग पॉइंट का है |की पीपल मीटर लगते है और उस सहर या इलाके के सभी सेटअप बॉक्स उससे जोड़ देते है और देखते है की कौन सा चैनल देखा जा रहा है |
इसमें जब लोग फेक दर्शक क्रिएट कर दे | जैसे घरों में पीपल मीटर को आसपास कई सेटअप बॉक्स लगा हो और लेकिन दर्शक न हो | मतलब की उस एरिया में कई जगह ले ले और टीवी लगा ले और अपना ही चैनल और सीरियल चला ले जिससे सेटअप बॉक्स मॉनिटरिंग टीम वही रिपोर्ट भेजगा |जिससे आपके चैनल की टी आर पी हाई रहेगी |हमारा हमेशा यही उद्द्शेय रहता है की आप तक सही जानकारी प्रस्तुत किया जाये |
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