थॉमस कुक का अंत – १७८ साल पुरानी ट्रेवल कंपनी क्यों डूब गयी ?

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थॉमस कुक

थॉमस कुक का अंत – १७८ साल पुरानी ट्रेवल कंपनी क्यों डूब गयी ?

दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी कंपनी ने आखिर अपने कारोबार को बंद करने की घोषणा कर दी | ये ऐसी कंपनी थी जिसका कारोबार कई देशों में फैला हुआ था | ये कंपनी १८४१ में बनी थी | इस कंपनी को १७८ साल हो गये थे | ट्रेवेल के क्षेत्र में बहुत ही प्रतिस्पर्धा हो गयी थी और कई इ -कॉमर्स कंपनी इस क्षेत्र में अपने कदम जमा रखा था | इंग्लैंड की इतनी बड़ी कंपनी को आखिर बंद करना पड़ा |

इस कंपनी को रातों -रात शटडाउन होने से कई पर्यटक जहा है वही फस गए है | और अंदाज़ा लगाया जा रहा है की कम से कम कंपनी के इस कदम से ६ लाख पर्यटक प्रभावित हुए है | ये कंपनी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की ये १६ देशों में अपना पाव पसार चुकी थी | और तो और २२ हजार कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गये | पहली बार हुआ की सेकण्ड वर्ल्ड वॉर के बाद इतने लोग होटलों में फसे है |

थॉमस कुक कंपनी की नीव –

इस कंपनी की नीव १८४१ में थॉमस कुक ने मार्केट हारबोरफ में की थी |ब्रिटेन में रेलवे लाइनें बिछने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही कामगार और कुलीन, दोनों वर्गों के लिए छुट्टियों का पर्याय बन गई थी। 1855 में कंपनी ने यूरोप के लिए टूर की शुरुआत की तो 1866 में पर्यटकों को अमेरिका तक ले जाने लगी।1955 में थॉमस कुक इंटरनैशनल हुई। औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटेन में मिडिल क्लास की बढ़ती आकांक्षाओं की हमराह बनी। उसने लंदन से पैरिस के लिए ट्रिप का ऐलान किया। पहली बार किसी कंपनी ने कंपनी हॉलिडे ‘पैकेज की पेशकश की, जिसमें यात्रा के साथ-साथ रहने और खाने का भी इंतजाम था।

थॉमस कुक को बेचा गया –

थॉमस कुक का १८९२ में मृत हो गये थे और उसके बाद कंपनी की कमान उनके बेटे जॉन मैसन कुक ने संभाला|फिर इसी तरह इनका व्यपार बढ़ता गया और बाद में कुक के पोते फ्रैंक और अर्नेस्ट ने 1928 में कंपनी के कारोबार को बाहरी मालिकों के हाथों बेच दिया|
दुतीय विश्वयुद्ध के बाद 1948 में ब्रिटेन में रेलवे का राष्ट्रीयकरण हुआ। इस दौरान थॉमस कुक भी बिकने के कगार पर थी तो सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया था।१९७२ में थॉमस कुक फिर से निजी हाथों में आ गयी | और इसको मिडलैंड बैंक, होटलियर ट्रंस्ट हाउस फोर्ट और ऑटोमोबाइल असोसिएशन ने खरीद लिया|

उस वक्त मध्य पूर्व में तेल संकट, ब्रिटेन में मजदूरों की हड़ताल की वजह से जहां बाकी ट्रैवल कंपनियों का भट्ठा बैठ गया लेकिन थॉमस कुक न सिर्फ मजबूती से डटी रही बल्कि दोबारा निजी हाथों में आने के बाद उसने अपने धंधे का ग्लोबल विस्तार भी किया।

थॉमस कुक एक जर्मन की हो गयी –

एक जर्मन कंसोर्टियम ने 1992 में थॉमस कुक ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया। 2001 में जर्मन कंपनी C&N टूरिस्टिक एजी ने इसका अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बदलकर थॉमस कुक एजी हो गया। कंपनी ने एयरलाइन के क्षेत्र में भी कदम रखा।

थॉमस कुक के अंतिम दौर –

2007 में थॉमस कुक और यूके बेस्ड पैकेज ट्रैवल कंपनी माइ ट्रैवल का विलय हुआ जो आत्मघाती साबित हुआ। यहीं से उसके पतन की शुरुआत हुई। इस वजह से थॉमस कुक कर्ज के बोझ तले दब गई, जिससे उबर नहीं पाई। इसके अलावा, उसे एक नई कंपनी जेट2हॉलिडे से तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने लगी।

पिछले महीने थॉमस कुक के संकट से निकलने की तब उम्मीद बंधी जब उसने चीन की इन्वेस्टमेंट कंपनी फोसन के साथ 1.1 अरब डॉलर का रेस्क्यू डील किया। हालांकि, यह भी काम नहीं आ पाई। उस पर 1770 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे वह नहीं चुका पाई। और आखिर वो दिन आ गया | और १७८ साल पुरानी दुनिया के ट्रेवल कंपनी शटडाउन हो गयी |

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