प्रधानमंत्री और राष्ट्पति –
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बारे में और उनके अधिकारों उनके रहन -शहन के बारे में जानने के लिए हम लोग बहुत इच्छुक रहते है।हम हमेशा सोचते ये लोग देश के अतिविशिष्ट लोग है।हम हमेशा ये जानने चाहते है की इनकी दिनचर्या कैसी होती है।इनकी तनख्वा कितनी होती है।हम लोग जैसे ऑफिस से छुट्टी ले लेते है।कभी तबियत ख़राब हो या कभी काम से आराम करने का मन हुआ। लेकिन क्या प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी अपने काम से छुट्टी ले सकते है।
आमतौर पर इस बारे में लोग सोचते नहीं हैं और अगर किसी के दिमाग में ये सवाल उठ भी गया तो उन्हें ऐसा ही लगता होगा कि वो तो देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं, उनका तो जब मन करे तब छुट्टी ले लेंगे।और ले सकते है तो उनके जगह पे देश को कौन संभालेगा। चलिए आप इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दे।
पहले जानते प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के काम –
भारत में राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है।वहीं प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया होता है। भारतीय संविधान के अनुसार देखा जाये, तो देश चलाने की असली पावर प्रधानमंत्री के पास ही होती है।लेकिन राष्ट्रहित के अधिकतर मुद्दों पर राष्ट्रपति की सहमति भी ज़रूरी होती है।राष्ट्रपति तीनों सेनाओं (जल, थल और वायु) का प्रमुख भी होता है।अपातकालीन स्थिति में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की सलाह से ही ज़रूरी और अहम निर्णय लेता है।
मंत्रीमंडल में हेरफ़ेर, सत्ता पलट, युद्ध-शांति और आपातकालीन स्थिति में PM और राष्ट्रपति के निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं।हांलाकि, हम में से कई लोगों को लगता है कि बड़े पद पर बैठने वाले लोग सिर्फ़ ऑर्डर देते हैं और आराम करते हैं, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है।इन दोनों ही पदों पर बैठे लोगों के पास देश चलाने की बड़ी और अहम ज़िम्मेदारी होती है। इसलिये वो एक आम इंसान की तरह छुट्टियां लेकर आराम से नहीं बैठ सकते हैं।
राष्ट्रपति को कितनी छुट्टियां मिलती है –
राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं, इसलिये उन्हें कई सारी सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं वेतन के रूप में उन्हें हर महीने 5 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा भोजन, कर्मचारियों और राष्ट्रपति से मिलने वाले मेहमानों के स्वागत के लिये अलग से पैसा दिया जाता है घर और मुफ़्त चिकित्सा सुविधा के अलावा उन्हें कुछ छुट्टियां भी मिलती हैं प्रेसिडेंट छुट्टी लेकर हैदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलायम और शिमला स्थित रिट्रीट बिल्डिंग में आराम के कुछ पल बिता सकते हैं।
प्रधानमंत्री को मुश्किल से ही छुट्टी मिल पाती है –
कुछ समय पहले एक व्यक्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी की आधारिक छुट्टियों को लेकर एक RTI फ़ाइल की थी।जिसके जवाब में PMO ने कहा था कि देश के पीएम हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं. जानकारी के अनुसार, देश के प्रधानमंत्री के पास किसी प्रकार की आधिकारिक छुट्टी नहीं होती है।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति की ग़ैरमौजूदगी में उनके कार्यभार का जिम्मा उप-राष्ट्रपति के पास होता है।वहीं दूसरी ओर, भारत के PM की मृत्यु, इस्तीफा, बर्खास्तगी या अन्य कारणों से हुई प्रधानमंत्री के पद की रिक्ति की स्थिति में नए प्रधानमंत्री का निर्वाचन होने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती हैअगर, भारत के PM बीमार हैं या किसी अन्य कारण से वे अपने कार्य नहीं कर सकते तो वे पार्टी के किसी अन्य सदस्य को पद का कार्यभार सौंप सकते हैं।PM के जॉब में छुट्टी का कोई प्रावधान है ही नहीं।
यानी ‘भारत का PM अपने कार्यकाल में हमेशा सेवारत रहता है’ 2016 में दाखिल एक आरटीआई के जवाब में तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने साफतौर पर कह दिया था कि यहां किसी PM की छुट्टी का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।
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