वोडाफ़ोन आईडिया ने क्यों बनाया नया आइडेंटिटी –
वोडाफ़ोन इंडिया और आईडिया सेलुलर का मर्जर अगस्त 2018 में गया था लेकिन अभी तक दोनों अलग -अलग आइडेंटिटी के साथ ही आगे बढ़ रहे थे लेकिन दोनों ने हाल ही में दोनों के साथ एक ब्रांड आइडेंटिटी के साथ खुद को लांच किया है | टेलिकॉम सेक्टर के इस गिरे हुऐ स्थति में वोडाफ़ोन की पैरेंट कंपनी कोई ज्यादा फण्ड नहीं जोड़ना चाहती है | दोनों ही कंपनी की कस्टमर में अलग -अलग पहुंच है | की जैसे वोडाफ़ोन इंडिया की पहुंच ज्यादातर भारत के सहरी इलाकों में है वही आईडिया की पहुंच ज्यादातर भारत के ग्रामीण इलाकों में है जब कंपनी दोनों पूरी तरह से साथ आयेंगी तो इनकी पहुंच भी ज्यादा लोगों तक होगी और वॉइस क्वालिटी भी इम्प्रूव होगी |
VI लोगों का अर्थ क्या है –
जिओ के लांच होने इन दोनों कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है |और इसलिए वोडाफ़ोन और आईडिया सेलुलर ने मिलकर नया ब्रांड VI बनाया है इसका टैग लाइन भी “टुगेदर फॉर टुमारो ” रखा है और इसको वी पढ़ रहे है | वोडाफ़ोन के MD ने कहा की ये नयी टेक्नोलॉजी के लिए भी फिट रहेगा | जो 5g टेक्नोलॉजी आने वाली है | हमने ये vi लॉच करके दो पुराने बिज़नेस को नया बनाया है |ये एक नयी शुरवात है ये हमारी ताकत भी है |
कंपनी का कहना है की हम सब झंझावतों से निकल आएंगे –
कंपनी का कहना है की बोर्ड के अप्रूवल से हमने २५००० करोड़ जुटा लिए है |इक्विटी के जरिये और ये पर्याप्त है हमारे भविष्य के इन्वेस्टमेंट के लिए है | जो इस रेस में हमे आगे तक ले जायेगा | दूसरी तरह से बातें आ रही है की वोडाफ़ोन की पैरेंट कंपनी थोड़ा भी इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहती भारतीय बाजार में | लेकिन vi के प्रवक्ता का कहना है को हमारे दोनों प्रमोटर मजबूत है |हम कोई भी निर्णय ऐसे नहीं ले सकते है जो भी निर्णय होता है वो प्रमोटर के सुझाव के साथ ही होता है |
आप इसे पढ़ना भी पसंद कर सकते हैं:-FAU-G क्या है ? और इसको साझा अक्षय कुमार ने क्यों किया ?