शरीर और मौत –
ये तो सत्य है की दुनिया में अगर कोई चीज होनी है तो वो मौत ही है जो अमीरी -गरीबी नहीं देखती है और मरना तो सबको है ही लेकिन मरने के बाद आखिर आपके शरीर का क्या होता है रिक्शन या कहे क्या होता शरीर का या कैसे काम करते है अंग | आज ये ही चीजें आपको बताने की हम कोशिश करेंगे |सबसे पहले तो मरने के बाद शरीर में परिवर्तन आता है वो है शरीर का पीला हो जाना या कहे पीला पड़ जाना | ये मरने के बाद ही 20 से 30 मिन्ट्स में दिखने लगता है |ये पीला पन क्यों हो जाता है क्योकि ब्लड का सर्कुलेशन शरीर में रुक जाता है |ये प्रक्रिया हर इंसान में देखने को मिलती है |बस जिस व्यक्ति की स्किन डार्क होती है उसमे थोड़ा देर से ये देखने को मिलता है |
मरने के बाद दूसरा चरण –
मरने के बाद शरीर का तापमान गिरने लगता है ये मरने के बाद दूसरा चरण होता है |मरने के बाद शरीर का तापमान गिरने लगता है और शरीर एकदम ठंडा पढ़ जाता है। किन्तु आसपास का तापमान 36 .9 डीग्री से अधिक हो (जैसे मरुस्थल में) तो शव का तापमान घटने के बजाय बढ़ने लगेगा|और इस तापमान के मापन के माध्यम से लोग इस व्यक्ति के मरने के समय का अनुमान लगा लेते है |उसके लिए विशेषज्ञ को उसका रेक्टल (गुदा) तापमान नापना पड़ता है क्योंकि रेक्टल तापमान ही मृत व्यक्ति का सही तापमान दर्शाता है।और १घन्टे के बाद बॉडी पर लाल स्पॉट आने लगते है |
मृत्यु के बाद का तीसरा चरण –
मृत्यु का तीसरा चरण है जो मृत्यु के पहचानने जाने योग्य लक्षणों में से एक है। यह मृत्यु के उपरान्त पेशियों में आने वाले रासायनिक परिवर्तनों के कारण होता है जिसके कारण शव के हाथ-पैर अकड़ने लगते हैऔर कड़े हो जाते हैं। ये मरने के 4 घण्टे बाद ही हो सकता है।जैसा की हमारे शरीर में कई तरह की बैक्टीरिया पाए जाते है | जब हमारा शरीर मृत हो जाता है तो ये ही बैक्टीरिया पुरे शरीर को ख़तम करने लगते है |इन बैक्टीरिया को पुरे शरीर पर हावी होने में मतलब लिवर ,ब्रेन , दिल तक पहचने में |
अंत में जो चरण होता है वो शरीर का सड़ना होता है | इस प्रक्रिया के दौरान मानव या जानवर का मृत शरीर नष्ट होना शुरू हो जाता है, अथवा सड़ना शुरू हो जाता है।इसका जो कारण है वो ब्रेकडाउन होना प्रोटीन , कार्बोहायड्रेट का और कोशिकाओं के बीच सामंजस्य का टूटना तथा अंगों का द्रवीकरण हो जाना होता है|
आप इसे पढ़ना भी पसंद कर सकते है:-मसाला किंग के नाम से मशहूर धर्मपाल जी का निधन –