सेक्स कोई टैबू नहीं है –
क़ुदरत का बुनियादी नियम है कि हर जीव अपनी नस्ल आगे बढ़ाता है बहुत से जीव इसके लिए सेक्स करते हैं यानी नर और मादा जिस्मानी ताल्लुक़ बनाते हैं।सेक्स एक ऐसा शब्द है जो भारत में टैबू बना पड़ा है।जबकि ये एक शारीरिक क्रिया है।सेक्स लोगों के लिए आज भी पहेली बना हुआ है।भारत में जबकि इसपे पूरा एक किताब भी है और यहाँ कई इस तरह के मंदिर भी है। जहा इस तरह की कलाओं को दिखाया भी गया है कभी -कभी मैं सोचता हूँ की पहले हम प्रगतशील थे या आज है।
इंसान के विकास की थ्योरी देने वाले महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन भी सेक्स की ज़रूरत को लेकर दुविधा में थे।1886 में जर्मनी के जीव वैज्ञानित ऑगस्ट वाइज़मन ने कहा था कि यौन-संबंध एक ही प्रजाति के दो अलग-अलग जीवों को प्रजनन के लिए अपनी क्षमताओं को साझा करने का मौक़ा देता है यौन-संबंधों से पैदा हुए वंशजों में अपने मां-बाप के बहुत से अच्छे जीन आते हैं जो बदलते माहौल से मुक़ाबला करने के लायक़ होते है।
बाद में जैसे-जैसे जीवों का विकास हुआ, वैसे-वैसे उनके प्रजनन का तरीक़ा भी बदला | तो, आख़िर धरती पर जीवों ने सेक्स करना कब शुरू किया? कौन से जीव थे, जिनके बीच जिस्मानी ताल्लुक़ बनने शुरू हुए एक रिसर्च के मुताबिक़ चट्टानों में पाए जाने वाले जीवाश्मों से यौन संबंधों के शुरू होने की जानकारी मिल सकती है | लेकिन जीवाश्म का मिलना तो मुश्किल है ही, साथ ही इनकी तादाद भी कम है कलियुग में दो ऐसी चीज हैं जिसके पीछे हर इंसान पीछे पड़ता रहता है और वो दो चीजें हैं सेक्स और पैसा।
माइक्रोब्रैकियस डिकी मछली ने किया सबसे पहले सेक्स –
धरती में अरबों-साल के कालक्रम के बाद सूक्ष्म-जीवों से जीवन का विकास हुआ है। हाल ही में ‘Nature’ नाम के जर्नल में ‘यौन-प्रजनन’ पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोब्रैकियस डिकी नाम की विलुप्त हो चुकी मछली के बीच सबसे पहले संभोग की बात का खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों का मानना है कि माइक्रोब्रैकियस डिकी नाम की आदिम मछली ने सबसे पहले सेक्स किया था।माइक्रोब्रैकियस का मतलब होता है छोटी बाहें असल में इस मछली का जीवाश्म स्कॉटलैंड में मिला था। इस संभोग ने ही जीवन-विकास क्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।इसके बाद ही सम्भोग की शुरुवात हुई थी और यह प्रक्रिया फिर मानव जाती के द्वारा की जाने लगी थी। और आज इसे सेक्स का नाम दिया जाता है।
मादा का नर का चुनाव क्यों –
ये चुनाव ना सिर्फ़ यौन संबंध बनाने के लिए तमाम जीवों की समझ को बताता है बल्कि ये भी दिखाता है कि हरेक जीव अपनी जानकारियां दूसरी पीढ़ी को भली-भांति पहुंचाना चाहता है। इस तर्क के साथ एक और पहेली सुलझाने में मदद मिलती है। अगर मादा से ही वंशज पैदा होता है तो फिर नर की ज़रूरत क्यों होती है चार्ल्स डार्विन के मुताबिक़ मादा जिस नर के साथ संबंध बनाती है वो उसकी ख़ूबियों को बाक़ी नरों पर तरज़ीह देती है यानी जिन दो जीवों के बीच सेक्स होता है, उनमें मादा, नर को उसकी ख़ूबियों की वजह से चुनती है ये चुनाव आबादी में आनुवांशिक संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
सबसे पहले यौन-संबंध कहा बने थे –
जीवाश्म रिकॉर्ड से ये भी पता चलता है सबसे पहले यौन-संबंध एक प्रकार की समंदरी घास में बने थे जिसे एल्गी या शैवाल कहा जा सकता है। इसके सबूत आर्कटिक कनाडा की चट्टानों पर मिलते हैं ये चट्टान अब से करीब 1.2 अरब साल पहले पानी के अंदर होती थी। वैज्ञानिक बताते हैं कि इस घास से निकलने वाले सेल्स दो क़िस्म के होते थे। एक नर और दूसरे मादा, यानी ये पहली जीव थी जिसमें नर और मादा का फ़र्क़ आया था।आज हम जानते हैं कि शैवाल की बहुत सी क़िस्में मौजूद हैं ये आज भी वैसी ही हैं जैसी अब से 1.2 अरब साल पहले थी।
इन्हें हम जीवित जीवाश्म भी कह सकते हैं। चट्टानों पर मिलने वाले ये जीवाश्म ज़िंदगी के वजूद में आने की कहानी को आग बढ़ाने में काफ़ी मददगार हैं ।इन चट्टानों का इतिहास समझने के बाद वैज्ञानिकों में ये समझ पैदा हुई कि कैसे बहुकोशिकीय जानदारों का वजूद अमल में आया है। हमारी हमेशा कोशिश यही रहती है की आपको कुछ नयी जानकारियों से अवगत कराया जाये।आपको अगर हमारे आर्टिकल अच्छे लगते है तो हमे अपना भरपूर समर्थन दे।
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