हाई ब्लड प्रेशर या दिल पे दबाव ?
हाई ब्लड प्रेशर या हाई बीपी आजकल बहुत सुनने में आता है और इस समय हर घर में कोई ना कोई इसका मरीज मिल ही जाता है |लोगों सुना बहुत है इसके बारे में आये जानते है इसके परतों को समझते है |व्यस्त जीवन और बहुत ज्यादा तनाव के कारण आजकल कई रोग और विकार जन्म देते है |उनमे से हाई ब्लड प्रेशर( उच्य रक्तचाप ) एक प्रमुख समस्या बनके उभरी है |हाई ब्लड प्रेशर में आपका रक्त प्रवाह बहुत तेज़ हो जाता है और जिससे हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है |
हमारा हृदय(दिल )धमनियों के माध्यम से खून को शरीर में पंप करता है |हमारे धमनियों में बहने वाले रक्त के लिए एक निश्चित दबाव जरुरी है |और जब किसी वजह ( असंतुलित आहार , तनाव ,व्यस्त जीवन )से ये दबाव बढ़ जाता है तो धमनियों पे दबाव पड़ता है |और इस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है |लगातार हाई ब्लड प्रेशर से शरीर को कई प्रकार की हानि हो सकती है |

दबाव दो प्रकार के होते है –
1 – सिस्टोलिक प्रेशर ( जब प्रेशर (ब्लड ) 140 mmhg या उससे ज्यादा प्रेशर हो )
2 – डायास्टोलिक प्रेशर (जब प्रेशर (ब्लड ) 90 mmhg या उससे ज्यादा प्रेशर हो ) ये प्रेशर अगर एक हफ्ते से ज्यादा रहता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर कहते है |
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण –
सर दर्द करना
नाक से खून बहना
चक्कर आना
साँस लेने में दिक्कत
सीने में दर्द
मूत्र में खून आना
हाई ब्लड प्रेशर होने पे को कोई विशेष समस्या नहीं होती है और इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर के तौर पे जाना जाता है |मैं समझता हूँ की आपको हाई ब्लड प्रेशर का लम-शम नॉलेज हो गया होगा | हमारी कोशिश बस इतनी रहती है की आपको जो भी इस समय बीमारिया चल रही है आपको थोड़ा अवेयर कराया जाये |
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